इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने नसीहत की है कि नफ़रत बढ़ाने वाले मतभेदों को प्रकट करना, अल्लाह की विभूतियों का अनादर है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने रविवार को पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. की इकलौती बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के जन्म दिवस पर वक्ताओं व कवियों के समूह को संबोधित करते हुए बल दिया कि मुसलमानों के बीच धार्मिक मतभेद दुश्मन के हाथ में नंगी तलवार की तरह है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लोगों की अल्लाह पर ईमान को ख़त्म करने के दुश्मन के प्रयास से निपटने के लिए इंटरनेट जैसी चीज़ों को उपयोग किया जा सकता है लेकिन मिम्बर और धार्मिक सभाएं इस दृष्टि से बेजोड़ हैं।
सुप्रीम लीडर ने कहा कि यदि धार्मिक सभाओं और मजलिसों का लक्ष्य उचित हो तो कोई भी चीज़ इनका मुक़ाबला नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि यदि ईरान का धार्मिक वक्ताओं का समूह अपनी ज़िम्मेदारी को सही ढंग से अदा करे तो पूरे ईरान में परिवर्तन आएगा और एक धार्मिक सभा का प्रभाव दो घंटे के भाषण से अधिक होता है।
20 अप्रैल 2014 - 19:41
समाचार कोड: 603751

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने रविवार को पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. की इकलौती बेटी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के जन्म दिवस पर वक्ताओं व कवियों के समूह को संबोधित करते हुए बल दिया कि मुसलमानों के बीच धार्मिक मतभेद दुश्मन के हाथ में नंगी तलवार की तरह है